शिमला, 02 जुलाई (Udaipur Kiran) । अमेरिका से आयातित सेब पर शुल्क में कटौती की संभावनाओं को लेकर हिमाचल की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व ठियोग से विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने इसे प्रदेश की सेब अर्थव्यवस्था पर सीधा हमला करार देते हुए केंद्र सरकार को चेताया है। उन्होंने प्रदेश के सातों भाजपा सांसदों को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि इस मसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष पुरजोर तरीके से उठाया जाए।
शिमला में बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में राठौर ने कहा कि केंद्र सरकार अमेरिका के दबाव में यदि सेब पर आयात शुल्क को मौजूदा 50 फीसदी से घटाकर शून्य करती है तो हिमाचल का सेब उद्योग पूरी तरह तबाह हो जाएगा। उन्होंने चेताया कि ऐसे हालात में प्रदेश के बागवानों को मजबूरी में अपने बगीचे तक नष्ट करने पड़ सकते हैं।
राठौर ने आरोप लगाया कि अमेरिका की व्यापारिक नीतियां भारत विरोधी हैं और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जैसे कारोबारी सोच वाले नेता केवल अपने व्यावसायिक हितों को साधने में लगे हैं। भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के हालिया रुझानों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेब, खासकर रेड डिलीशियस किस्म पर आयात शुल्क में कटौती की संभावना हिमाचल के बागवानों के लिए गंभीर संकट है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में प्रतिवर्ष करीब 6.5 लाख मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होता है, जो देश के कुल उत्पादन का 25 प्रतिशत है। लगभग 1.5 लाख परिवार सीधे तौर पर इस बागवानी से जुड़े हैं और राज्य की पांच हजार करोड़ रुपये की सेब अर्थव्यवस्था इससे प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेब मशीनीकरण, सब्सिडी और सस्ती लागत के कारण भारत में सस्ते दामों में बाजार पर कब्जा कर सकते हैं, जिससे हिमाचली सेब को सीधी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।
राठौर ने मांग की कि न केवल मौजूदा 50 फीसदी आयात शुल्क को बरकरार रखा जाए, बल्कि हिमाचल के हितों को देखते हुए इसे बढ़ाकर 100 फीसदी किया जाए। उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों में हिमाचल के सेब उत्पादकों को संरक्षण देने का वादा किया था, जिसे अब निभाने का समय आ गया है।
उन्होंने प्रदेश के भाजपा सांसदों से भी आग्रह किया कि वे राजनीति से ऊपर उठकर इस मसले पर एकजुट हों और केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं ताकि हिमाचल के सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा की जा सके। राठौर ने कहा कि हिमाचल के बागवान केवल किसान नहीं, बल्कि प्रदेश की संस्कृति, विरासत और अर्थव्यवस्था के संरक्षक भी हैं, जिनका संरक्षण सामूहिक जिम्मेदारी है।
राठौर ने इस मसले को लेकर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भी पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि अमेरिकी सेब को बिना शुल्क के भारत आने की अनुमति मिली तो हिमाचल की बागवानी पर इसका विपरीत असर पड़ेगा।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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