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अमिताभ बच्चन के लिए गर्व का पल, बेटे अभिषेक को मिला आईएफएफएम में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड

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अभिषेक बच्चन ने अपने लंबे फिल्मी सफर में कई उतार-चढ़ाव का सामना किया है। बीते कुछ वर्षों से वह लगातार अपने किरदारों के साथ नए प्रयोग कर रहे हैं और दर्शक उनकी चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं को सराह भी रहे हैं। इसी कड़ी में उन्हें बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न (आईएफएफएम) में अभिषेक को अपनी फिल्म ‘आई वॉन्ट टू टॉक’ में बेहतरीन अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला है। इस सफलता ने न सिर्फ उनके करियर में नई ऊंचाई बनायी है बल्कि उनके पिता अमिताभ बच्चन को भी गर्व से भर दिया है।

अभिषेक की इस उपलब्धि पर अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में गर्व जताते हुए लिखा, मैं खुद को दुनिया का सबसे भाग्यशाली पिता मानता हूं। अभिषेक, तुम हमारे परिवार की शान और सम्मान हो। तुम अपने दादाजी की विरासत को आगे बढ़ा रहे हो। जीवन में चाहे कितनी भी चुनौतियां आई हों, तुमने कभी हार नहीं मानी। लोगों ने गिराने की कोशिश की, लेकिन तुम हर बार मेहनत के बल पर और भी ऊंचाई पर पहुंचे। अपने हौसले और लगन से तुमने साबित कर दिया कि सपनों को सच करने की ताकत इंसान के अपने भीतर होती है। मेलबर्न में तुम्हें सर्वश्रेष्ठ कलाकार का खिताब मिला। एक पिता के लिए इससे बड़ा तोहफा और क्या हो सकता है। भले ही अभिषेक की प्रतिभा को पहली बार मेलबर्न ने खुले दिल से सराहा हो, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि एक दिन उनका अपना देश भी उन्हें उसी सम्मान से नवाजेगा। अमिताभ ने यह भी याद किया कि कई साल पहले जब उन्होंने एक फिल्म में बेटे के अभिनय की तारीफ की थी, तब कुछ समीक्षकों ने उन्हें ‘पक्षपाती पिता’ कहकर उनका मजाक उड़ाया था।

बिग बी ने अपने ब्लॉग में लिखा, कभी लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया था, लेकिन आज वही लोग तालियां बजा रहे हैं। वक्त ने अपना जवाब दे दिया है। जो पहले हंसते थे, अब सम्मान कर रहे हैं। उन्होंने अपने पिता की एक कविता को याद करते हुए लिखा, मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीका, चुपचाप बहना और अपनी मौज में रहना। अमिताभ का कहना था कि अभिषेक ने भी यही राह अपनाई, बिना शोर-शराबे या दिखावे के, सिर्फ अपने काम के दम पर अपनी पहचान बनाई।

आखिर में उन्होंने कहा, जीत ही सबसे बड़ा जवाब होती है, और तुमने वो जीत हासिल कर ली है। चुपचाप रहना और अपनी मौज में बहना ही असली राज है। अमिताभ के अनुसार, यह पुरस्कार सिर्फ अभिषेक के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार के लिए गर्व और खुशी का पल है।

गौरतलब है कि ‘आई वॉन्ट टू टॉक’ में अभिषेक ने एक ऐसे पिता का किरदार निभाया है, जो बीमारी और बेटी के सवालों से जूझ रहा है। उनकी संवेदनशील अदाकारी ने दर्शकों का दिल जीत लिया।

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(Udaipur Kiran) / लोकेश चंद्र दुबे

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