झाबुआ, 10 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले के वन परिक्षेत्र थांदला की बीट ढेबर बडी के कक्ष क्रमांक 7 आरक्षित वन क्षैत्र में राजस्व भूमि के अंतर्गत आने वाले किसानों के खेतों में 11 मोरों की संदिग्ध हालात में आकस्मिक मौत का मामला सामने आया है। बड़ी संख्या में हुई मोरों की मौत की वजह अभी ज्ञात नहीं हो पाई है। हालांकि गुरुवार को पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम द्वारा वन परिक्षेत्र मेघनगर में मृत मोरों का पोस्टमार्टम किया, इसमें फूड पाइजनिंग से मौतों की बात सामने आई है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि खेतों में छिड़के गए कीटनाशक मिश्रित अनाज के खाने से बड़ी संख्या में मोरों की मौत हुई है।अब विसरा जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा। उसकी रिपोर्ट के बाद ही मौत की वास्तविक वजह सामने आ सकेगी।
मोरों की मौत के संबंध में क्षैत्र के ग्रामीणों द्वारा सूचना दिए जाने के बाद बुधवार देर रात वन अमला मौके पर पहुंचा था, और स्थल निरीक्षण कर प्रकरण दर्ज किया गया। उक्त वन क्षैत्र में एक मोर घायलावस्था में पड़ा मिला था, जिसे बचा लिया गया है।
जिला वनमण्डलाधिकारी सुनील सुलिया ने बताया कि मोरों की मौत की विस्तृत जांच हेतु एक जांच दल का गठन किया गया है। जांच उपरांत आगामी कार्यवाही की जाएगी।
मिली जानकारी अनुसार जिले के थान्दला वन क्षैत्र के अंतर्गत आने वाले ढेबर बडी के कक्ष क्रमांक 7 आरक्षित वन क्षैत्र अंतर्गत राजस्व क्षेत्र के खेतों में 11 मोर जिनमें 9 मादा, और 2 नर है, मृत अवस्था में पाए गए, जबकि वहां 1 मोर घायल अवस्था में पाया गया था, जिसे बचा लिया गया है। बड़ी संख्या में मोरों की अकस्मात मौत का स्पष्ट कारण अभी मालूम नहीं हो पाया है। हालांकि गुरुवार को पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम द्वारा वन परिक्षेत्र मेघनगर में मृत मोरों का पोस्टमार्टम किया, इसमें फूड पाइजनिंग से मौतों की बात सामने आई है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि खेतों में छिड़के गए कीटनाशक मिश्रित अनाज के खाने से बड़ी संख्या में मोरों की मौत हुई है। अब विसरा जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा। उसकी रिपोर्ट के बाद ही मौत की वास्तविक वजह सामने आ सकेगी।
क्षैत्र के ग्रामीणों से सूचना प्राप्त होने के बाद बुधवार देर रात वन विभाग के अधिकारी वहां पहुंचे और स्थल निरीक्षण कर मृत हुए मोरो के शवों को वन क्षेत्र ढेबर बडी से शव परीक्षण हेतु वन परिसर मेघनगर में लाया गया, जहां आज गुरूवार को जिला पशु शल्य चिकित्सकों के दल द्वारा अधिकारियो एवं जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मृत मोरो का शव विच्छेदन कर विसरा एकत्र करवाया गया, जिसे जांच हेतु प्रयोगशाला भेजा जाएगा। लेब रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वास्तविक वजह सामने आ सकेगी।
जिला वनमण्डलाधिकारी सुनील सुलिया ने बताया कि मोरों की मौत की विस्तृत जांच हेतु एक जांच दल का गठन किया गया है। जांच उपरांत आगामी कार्यवाही की जाएगी, जबकि प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी थांदला, तोल राम हटीला का कहना है कि कीटनाशक छिड़काव से मोरों की मौत के एंगल से जांच की जा रही है। जिसके भी खेत के कीटनाशक के कारण मोरों की मौत हुई है, उसको आरोपित बनाया जाएगा।
राष्ट्रीय पक्षी का सम्मान प्राप्त मोर वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची- 1 में होने के कारण मोर के शवों का दाह संस्कार न्यायालय थांदला की अनुमति उपरांत नियमानुसार जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों की उपस्थित में वन परिसर मेघनगर में किया गया।
—————
(Udaipur Kiran) / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा
You may also like
आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang), 11 जुलाई 2025 : आज से सावन मास का आरंभ, जानें पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का समय
अमेरिका की कंपनी के लिए फ्रीलांसिंग कर घर बैठे कमाएं लाखों रुपये, टॉप-5 प्लेटफॉर्म पर मिलेगी जॉब
Kylie Kelce ने Taylor Swift को बताया अपना जादुई सहारा
हैरी कैविल की सुपरमैन वापसी पर सवाल: नई फिल्म में बदलाव
LIC में फिर IPO लाएगी सरकार, लेनदेन की बारीकियों पर काम करेगा विनिवेश विभाग