भरतपुर, 7 नवंबर (Udaipur Kiran) . जल संसाधन एवं प्रभारी मंत्री सुरेश रावत के भरतपुर दौरे के दौरान शुक्रवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने ही उनके कार्यक्रम में विरोध प्रदर्शन कर दिया. यह विरोध उच्चैन एसडीएम धारा के खिलाफ था. मामला तब बढ़ गया जब प्रदर्शनकारियों ने मंत्री की मौजूदगी में ही एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी.
स्थिति बिगड़ती देख जिला कलेक्टर कमर चौधरी ने खुद हस्तक्षेप किया, कार्यकर्ताओं को साइड में किया और मंत्री को सुरक्षित उनकी गाड़ी तक पहुंचाकर रवाना किया.
भरतपुर के मास्टर अदितेन्द्र स्कूल में शुक्रवार को राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसमें प्रभारी मंत्री सुरेश रावत मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे. इसी दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंच के पास पहुंचकर एसडीएम धारा के खिलाफ नारे लगाए और कार्रवाई की मांग की. मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें बताया कि एसडीएम ने एक कार्यकर्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है, जिससे वे नाराज हैं.
मैंने उनकी बात सुनी है और जिला प्रशासन से कहा है कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो. यदि अधिकारी ने गलत किया है, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
मंत्री
रावत ने कार्यकर्ताओं से संयम रखने की अपील करते हुए कहा कि भाजपा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाना ही प्राथमिकता होनी चाहिए. मामला गांव फतेहपुर का है, जहां चार नवंबर की रात रात्रि चौपाल में ग्रामीणों ने बिजली, पानी और सड़क की समस्या उठाई थी. एसडीएम धारा जब चौपाल से लौटने लगीं, तो पंचायत समिति सदस्य दिनेश भातरा और कुछ महिलाओं ने उनकी गाड़ी का घेराव कर लिया. पुलिस ने किसी तरह स्थिति संभाली और एसडीएम को रवाना किया.
अगले दिन, पांच नवंबर को, एसडीएम ने दिनेश भातरा के खिलाफ राजकार्य में बाधा और भयभीत करने का मामला दर्ज करवाया. इसके बाद विधायक जगत सिंह ने Chief Minister को पत्र लिखकर एसडीएम की कार्यशैली की शिकायत की और उसे हटाने की मांग की.
उच्चैन एसडीएम धारा ने एफआईआर में लिखा कि रात्रि चौपाल के दौरान दिनेश भातरा ने अपने साथियों के साथ मिलकर चौपाल के कार्य में बाधा डाली. जब वे सरकारी वाहन से लौट रही थीं, तब भातरा और 10-15 लोगों ने गाड़ी का घेराव किया और शीशों पर प्रहार किया.
दिनेश भातरा के इशारे पर राजकार्य में बाधा डाली गई. मुझे जान का खतरा महसूस हुआ. वहीं, भाजपा विधायक जगत सिंह और पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि एसडीएम का व्यवहार असंवेदनशील है और उन्होंने जनप्रतिनिधि के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करवाया है. इसी के विरोध में आज कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शन किया गया.
घटना के बाद जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. जिला कलेक्टर कमर चौधरी ने मंत्री की सुरक्षा बढ़ाई और सभी अधिकारियों से कहा कि जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच समन्वय बनाए रखा जाए ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति दोबारा न बने.
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(Udaipur Kiran) / रोहित
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