New Delhi, 29 सितंबर (Udaipur Kiran News) . एफएमसीजी सेक्टर की कंपनी गणेश कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के शेयरों की आज स्टॉक मार्केट में निराशाजनक शुरुआत हुई. आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 322 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे. आज बीएसई पर इसकी लिस्टिंग 8.38 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 295 रुपये के स्तर पर और एनएसई पर 8 प्रतिशत डिसकाउंट के साथ 296.05 रुपये के स्तर पर हुई. लिस्टिंग के बाद लिवाली के सपोर्ट से इस शेयर की चाल में तेजी का रुख बनने लगा. सुबह 11 बजे तक का कारोबार होने के बाद कंपनी के शेयर 305.65 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे. इस तरह अभी तक के कारोबार में कंपनी के आईपीओ निवेशकों का नुकसान 8 प्रतिशत से घट कर 5.08 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच गया है.
गणेश कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड का 408.80 करोड़ रुपये का आईपीओ 22 से 24 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था. इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 2.68 गुना सब्सक्राइब हुआ था. इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 4.01 गुना सब्सक्राइब हुआ था. वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 4.41 गुना सब्सक्रिप्शन आया था. इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 1.17 गुना और एंप्लॉयीज के लिए रिजर्व पोर्शन 2.14 गुना सब्सक्राइब हो सका था. इस आईपीओ के तहत 130 करोड़ रुपये के 40 लाख नए शेयर जारी किए गए हैं. इसके अलावा 278.80 करोड़ रुपये के 87 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं. आईपीओ में नए शेयरों की बिक्री के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी दार्जिलिंग में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने, पुराने कर्ज के बोझ को हल्का करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी.
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत में उतार चढ़ाव होता रहा है. वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 27.10 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में घट कर 26.99 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि 2024-25 में कंपनी का शुद्ध लाभ उछल कर 35.43 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया. इस दौरान कंपनी का राजस्व 12 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 855.16 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया.
इस दौरान कंपनी पर कर्ज के बोझ में भी उतार चढ़ाव होता रहा. वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 86.13 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में कम होकर 38.29 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज एक बार फिर बढ़ कर 50 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया. इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 167.95 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 184.98 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 190.47 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया.
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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक
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