मीरजापुर, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजगढ़ विकासखंड क्षेत्र के धनसिरिया ग्राम पंचायत स्थित निराश्रित पशु आश्रय केंद्र में पशुओं की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। मात्र दस दिनों में आधा दर्जन गौवंशों ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया, जबकि कई पशु अभी भी जमीन पर अंतिम सांस ले रहे हैं।
आश्रय केंद्र में 93 गौवंश रखे गए थे, जिनमें से छह की मौत हो चुकी है और अब केवल 87 शेष बचे हैं। केंद्र पर रखे गए पशुओं को सूखा भूसा खिलाया जा रहा है। बरसात में मच्छर-मक्खियों से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं है। पशु गंदा पानी पीने को मजबूर हैं, जिससे कई गौवंश बीमार व दुर्बल हो गए हैं।
पशु चिकित्सा अधिकारी की जिम्मेदारी के बावजूद इलाज में गंभीरता नहीं बरती जा रही है। केंद्र पर केवल चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भेजे जा रहे हैं, जबकि बीमार पशुओं की स्थिति गंभीर बनी हुई है। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पशु चिकित्सा अधिकारी इलाज के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं और केंद्र पर कभी पहुंचते ही नहीं।
इस बाबत पूछे जाने पर पशु चिकित्सा अधिकारी अग्रेश यादव ने कहा कि बरसात के मौसम में पशु अधिक बीमार पड़ते हैं। इलाज के लिए कर्मचारियों को भेजा गया है। वहीं, आश्रय केंद्र के केयरटेकरों का कहना है कि पशु चिकित्साधिकारी स्वयं मौके पर नहीं आते, जिसके चलते पशु दम तोड़ रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि शीघ्र ही समुचित व्यवस्था और चिकित्सा सुविधा नहीं दी गई तो पशुओं की मौत का यह सिलसिला जारी रहेगा।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
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