नई दिल्ली, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । देश का पहला ऋण एवं व्यवसाय एक्सपो समृद्धि कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन 1 से 3 अगस्त तक राजधानी के भारत मंडपम में होगा। यह सम्मेलन समावेशी वित्तीय सशक्तिकरण और उद्यमशीलता के पुनरुत्थान की दिशा और 20247 विकसित भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतीक साबित होने वाला है।
कॉन्क्लेव की समन्वय समिति के अध्यक्ष डॉ. राजीव दुबे ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, यह केवल आयोजन नहीं है, बल्कि यह हर उस उद्यमी के आर्थिक उत्थान के लिए राष्ट्रीय आंदोलन है, जो महत्वाकांक्षी होने के बावजूद पहुंच से वंचित है।
समन्वय समिति की उपाध्यक्ष पूनम गुप्ता ने कहा कि यह सम्मेलन बैंकों, एनबीएफसी, फिनटेक कंपनियों, व्यावसायिक समाधान प्रदाताओं, नीति निर्माताओं, इनक्यूबेटरों और उद्यमियों को एक ही मंच पर लाएगा, जिससे अभूतपूर्व वित्तपोषण, मार्गदर्शन, नेटवर्किंग और सहयोग की सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, केकेजीए पार एक्सीलेंस प्राइवेट लिमिटेड, सागा, कैट, एआईएआई, हाउस ऑफ एमएलएमसी, एफएम रेडियो मिर्ची और ग्राफिसैड्स की इस संयुक्त पहल का उद्देश्य वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना, विकास पूंजी को खोलना और एमएसएमई, स्टार्टअप्स, महिला उद्यमियों और देश के महत्वाकांक्षी युवाओं के लिए नए अवसर प्रदान करना है।
सीए कृष्ण कुमार गुप्ता ने कहा कि ऋण देने वाली संस्थाओं के लिए समृद्धि कॉन्क्लेव एमएसएमई के एक बड़े समूह के साथ सीधे जुड़ने और उनके ऋण वितरण लक्ष्यों को कुशलतापूर्वक पूरा करने का मौका देगा। उन्होंने कहा कि सम्मेलन के तीन दिवसीय सत्र के दौरान महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा होगी। गुप्ता ने बताया कि 200 से अधिक प्रदर्शकों और 60 हजार से अधिक आगंतुकों के साथ यह आयोजन भारत के वित्तीय और उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र की आधारशिला बनने के लिए तैयार है।
—————
(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
You may also like
भोलेनाथ की कृपा चाहिए तो इन नियमों के साथ पहनें रुद्राक्ष, वरना हो सकते हैं नुकसान '
ओडिशा में प्राकृतिक संसाधनों की हो रही लूट, आदिवासियों का छिना जा रहा हक: मल्लिकार्जुन खड़गे
ट्रेडिशनल मेडिसिन में भारत और डब्ल्यूएचओ मिलकर कर रहे व्यापक काम : डॉ. गीता कृष्ण गोपालकृष्ण पिल्लै
'भूरा बाल साफ करो' बयान पर बवाल, राजद प्रवक्ता ने कहा- पार्टी का बयान से कोई संबंध नहीं
सतना कोर्ट का बड़ा फैसला; फर्जी कास्ट सर्टिफिकेट से सरकारी नौकरी पाने वाले को सुनाई सजा, 7 साल जेल के साथ जुर्माना