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दीपक तिजोरी ने अपने 35 साल लंबे फिल्मी करियर के उतार-चढ़ावों को साझा किया

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1990 के दशक के लोकप्रिय अभिनेता दीपक तिजोरी ने अपने दमदार अभिनय और स्टाइल से बॉलीवुड में एक खास पहचान बनाई। उन्हें पहली बार महेश भट्ट की सुपरहिट फिल्म ‘आशिकी’ के ज़रिए सिनेमा में पहचान मिली। इसके बाद उन्होंने ‘सड़क’, ‘जो जीता वही सिकंदर’ और कई यादगार फिल्मों में काम किया, जिससे वे दर्शकों के बीच खासे पसंद किए जाने लगे।

हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में दीपक तिजोरी ने अपने 35 साल लंबे फिल्मी करियर के उतार-चढ़ावों को साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने इंडस्ट्री में कदम रखा, किन चुनौतियों का सामना किया और किस तरह दर्शकों का प्यार उन्हें लगातार मिलता रहा। दीपक ने कहा कि भले ही वक्त बदला हो, लेकिन उनके अंदर अभिनय को लेकर जुनून अब भी पहले जैसा ही है।

दीपक तिजोरी को भले ही फिल्म ‘आशिकी’ से बड़ा ब्रेक मिला हो, लेकिन उस सफलता के पीछे एक अनकही कहानी भी छिपी है। जिसमें संघर्ष और आत्मविश्वास की मिसाल झलकती है। हाल ही में बातचीत में दीपक ने खुलासा किया कि ‘आशिकी’ की रिलीज़ के समय उन्हें उस तरह की पहचान नहीं मिल पाई थी, जिसकी वे हकदार थे। उन्होंने बताया, ‘आशिकी’ में मैंने काफी मेहनत की थी, लेकिन प्रचार और पोस्टर में सिर्फ मुख्य जोड़ी, राहुल रॉय और अनु अग्रवाल को ही जगह दी गई। मुझे ये बात खल गई, इसलिए मैं महेश भट्ट साहब के पास गया और कहा, ‘भट्ट साहब, मुझे भी पोस्टर में रख लीजिए।’ उन्होंने सहानुभूति दिखाते हुए कहा, ‘बेटा, मैं तुम्हारे साथ हूं।’ लेकिन निर्माता नहीं माने।

दीपक आगे बताते हैं कि जब उन्होंने मुकेश भट्ट से बात की, तो उन्हें जवाब मिला, टी-सीरीज़ तुम्हारे लिए पैसे नहीं देता, मैं कुछ नहीं कर सकता। तब दीपक ने खुद आगे बढ़कर फैसला लिया, मैंने अपनी जेब से दस हजार खर्च किए ताकि मेरा पोस्टर बन सके और मैं भी उस प्रचार का हिस्सा बनूं। मैंने ऐसा दौर भी देखा है, उन्होंने भावुक होकर कहा। इस किस्से से साफ झलकता है कि दीपक तिजोरी ने केवल अभिनय से नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और जुनून से भी इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई।

दीपक ने अक्षय के साथ फिल्म ‘खिलाड़ी’ में काम किया था। दीपक तिजोरी 1993 में बॉलीवुड के स्टार बन गए थे और उस दौरान उन्हें अक्षय कुमार के साथ एक फिल्म के लिए अप्रोच किया गया था। दीपक ने इस बारे में बात करते हुए कहा, यह सच है। उस समय मेरी फिल्में सफल हो रही थीं और अक्षय कुमार ने खुद को अभी तक पूरी तरह से स्थापित नहीं किया था। मैं उस वक्त अक्षय से कहीं बड़ा स्टार बन चुका था।

दीपक ने आगे बताया कि उस फिल्म के निर्माता ने उन्हें और अक्षय को बराबरी का प्रमोशन दिया। निर्माता ने किसी भी तरह से मुझे कम नहीं आंका। हमें बराबर का प्रमोशन मिला और दोनों को समान महत्व दिया गया। इस दौरान दीपक का करियर ऊंचाई पर था और अक्षय कुमार धीरे-धीरे खुद को स्थापित कर रहे थे।———————

(Udaipur Kiran) / लोकेश चंद्र दुबे

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