नई दिल्ली, 25 अप्रैल . शहरी नदियों के सतत पुनरुद्धार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने रिवर सिटी एलायंस (आरसीए) के लिए एक वार्षिक योजना को मंजूरी दी है. इसमें पूरे साल चलने वाली पहलों के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है. इस योजना में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों, ज्ञान आदान-प्रदान मंचों, तकनीकी उपकरणों के विकास, विशेषज्ञ मार्गदर्शन और विषयगत केस स्टडी की एक श्रृंखला शामिल है, जो देश के शहरों में नदी-संवेदनशील शहरी नियोजन को एकीकृत करने पर केंद्रित है.
वर्ष 2021 में शुरू किया गया रिवर सिटी एलायंस जल शक्ति मंत्रालय और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की एक अग्रणी पहल है. रिवर सिटी एलायंस 145 शहरों की वर्तमान सदस्यता के साथ शहरी नदी प्रबंधन के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है, संस्थागत क्षमता को मजबूत करता है, नदी घाटियों के भीतर इंटर सिटी सहयोग को बढ़ावा देता है और शहरी नदी प्रबंधन योजनाओं (यूआरएमपी) के निर्माण का समर्थन करता है. इस वर्ष की स्वीकृत योजना रणनीतिक हस्तक्षेपों के साथ योजनाओं के लक्ष्यों को क्रियान्वित करने के लिए तैयार की गई है.
इस वर्ष राज्यों में रिवर सेन्सिटिव मास्टर प्लानिंग (आरएसएमपी) प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन के माध्यम से नदी संबंधी विचारों को बढ़ावा देने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा. शहरी नदी प्रबंधन योजनाओं (यूआरएमपी) के निर्माण का समर्थन करने के लिए, एनएमसीजी तमिलनाडु में आरसीए शहरों के लिए विशेष रूप से ऑनबोर्डिंग कार्यक्रमों सहित प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगा, साथ ही अन्य राज्यों के लिए भी आगे के सत्रों की योजना बनाई गई है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने नदियों के शहरी प्रबंधन में पर्यावरणीय, आर्थिक और सामाजिक आयामों पर विचार करने के लिए वर्ष 2020 में अर्बन रिवर मास्टर प्लान की शुरुआत की थी. कानपुर, अयोध्या, छत्रपति संभाजी नगर, मुरादाबाद और बरेली ने अपने अर्बन रिवर मास्टर प्लान विकसित कर लिए हैं. छत्रपति संभाजी नगर के खाम नदी पुनरुद्धार मिशन को विश्व संसाधन संस्थान के रॉस सेंटर पुरस्कार फॉर सिटीज द्वारा वैश्विक रूप से मान्यता दी गई थी, जो इस पहल की परिवर्तनकारी क्षमता को रेखांकित करता है.
आगामी वर्ष में 25 और अर्बन रिवर मास्टर प्लान का विकास किया जाएगा जो अगले दो से तीन वर्षों में पूरे देश में 60 ऐसी योजनाएं बनाने के लिए एक बड़े मिशन के पहले चरण का हिस्सा होगा. विश्व बैंक द्वारा समर्थित यह पहल रिवर सेन्सिटिव शहरी शासन को मजबूत करने की दिशा में एक साहसिक कदम है. योजना निर्माण और कार्यान्वयन को मार्गदर्शन देने के लिए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में संचालन समितियों का गठन किया जा चुका है.
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/ दधिबल यादव
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