Next Story
Newszop

अवैध अतिक्रमण हटाना जारी रहेगा: असम भाजपा

Send Push

गुवाहाटी, 9 जुलाई (Udaipur Kiran) । असम में सरकारी और वनभूमियों पर अवैध रूप से घुसपैठियों द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण को असम के मूल निवासियों के लिए एक गंभीर खतरा बताते हुए प्रदेश भाजपा ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार का अतिक्रमण हटाने का अभियान निरंतर और तेज़ गति से जारी रहेगा।

भाजपा असम प्रदेश के प्रवक्ता पंकज बोरबोरा ने बुधवार को एक बयान में कहा कि कांग्रेस सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति के तहत पूर्वी बंगाल मूल के घुसपैठियों को संरक्षित भूमियों पर बसाया और तुष्टिकरण की नीति अपनाई। इसके विपरीत, मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व में वर्तमान सरकार कानूनी प्रक्रिया के तहत सख्ती से अतिक्रमण हटाने में जुटी है, जिसे भाजपा का पूर्ण समर्थन प्राप्त है।

उन्होंने बताया कि मंगलवार को धुबड़ी जिले के चापर क्षेत्र में हुए बड़े अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान 3,500 बीघा भूमि खाली कराई गई। इस दौरान विधायक अखिल गोगोई द्वारा उकसाने और प्रशासन का विरोध करने की घटनाओं का भी उल्लेख करते हुए भाजपा ने आरोप लगाया कि गोगोई और कांग्रेस पार्टी मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति के तहत बांग्लादेशी घुसपैठियों के पक्ष में खड़े हैं और मूल निवासियों के अधिकारों के खिलाफ कार्य कर रहे हैं।

बयान में यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री डॉ. सरमा को धमकियां और पुलिस पर हमले जैसे मामले कांग्रेस और उसके नेताओं की उकसावे की राजनीति का परिणाम हैं। परंतु राज्य सरकार इन खतरों से नहीं झुकेगी और अतिक्रमण हटाने का अभियान और भी तेज किया जाएगा।

10 जुलाई को ग्वालपाड़ा के पैकन वन क्षेत्र में अगला अतिक्रमण हटाओ अभियान प्रस्तावित है। भाजपा ने आरोप लगाया कि अधिकतर अतिक्रमण कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल में ही हुए थे और भाजपा का स्पष्ट लक्ष्य है कि असम को अतिक्रमण मुक्त बनाया जाए।

भाजपा ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप, कानूनी और संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए की जा रही है। कांग्रेस द्वारा मूल निवासियों के नाम पर दिखाया जा रहा दुख केवल दिखावा है, क्योंकि उन्हीं के शासन में खिलंजिया (मूल निवासियों) समाज की पीड़ा को कभी मान्यता नहीं मिली।

पूर्वी बंगाल मूल के अतिक्रमणकारियों की आक्रामकता ने असम की भाषा, संस्कृति और जनसंख्या संतुलन को खतरे में डाला है। जहां भी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाता है—लखीमपुर, नलबाड़ी, धुबड़ी या ग्वालपाड़ा—विपक्षी दलों द्वारा हिंसा भड़काने की कोशिश की जाती है।

प्रवक्ता बोरबोरा ने कहा कि जब एक सत्र की भूमि पर अतिक्रमण हुआ और सत्राधिकार की हत्या हुई, तब कांग्रेस और गोगोई चुप रहे। आज वे अतिक्रमण के विरोध में बोलकर खिलंजिया समाज के अधिकारों का अपमान कर रहे हैं।

भाजपा ने पुनः दोहराया कि पार्टी असम की भूमि, पहचान और भविष्य की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और मूल निवासियों के न्याय व विकास के लिए दृढ़ संकल्प के साथ कार्य करती रहेगी।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

Loving Newspoint? Download the app now