Next Story
Newszop

३४ साल बाद बजबज की सड़कों पर निकलेगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा

Send Push

बजबज, 25 जून (Udaipur Kiran) ।

लगभग 34 वर्षो के अंतराल के बाद बजबज स्थित चित्तरगंज कालीबाड़ी से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा फिर एक बार निकलने जा रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि भले ही इतने वर्षो तक रथ खींचने की परंपरा बंद रही हो, लेकिन हर वर्ष रथयात्रा के दिन पूजा जरूर होती थी और कालीबाड़ी परिसर में एक छोटा मेला भी लगता था। आखिरकार वर्ष 2025 में यह ऐतिहासिक परंपरा फिर से शुरू होने जा रही है। कालीबाड़ी से रथ निकलकर बजबज चौरास्ता स्थित शिव मंदिर (जिसे ‘मासीबाड़ी’ कहा जाता है) तक जाएगा। रथयात्रा एक भव्य शोभायात्रा के रूप में निकाली जाएगी।

स्वर्गीय जगन्नाथ दास, जो बजबज के हलदारपाड़ा इलाके के निवासी थे, उनके घर में इस रथयात्रा की शुरुआत हुई थी। उन्होंने वर्ष 1980 में इस रथ को कालीबाड़ी की तत्कालीन कमेटी को पूजा और रखरखाव के लिए दान में दे दिया था। अंतिम बार रथ खींचा गया था 1990 में। उसके बाद से यह परंपरा 34 वर्षों तक बंद रही और रथ कालीबाड़ी परिसर में ही जर्जर हालत में पड़ा रहा। रथ खींचने की अनुमति नहीं मिलने से स्थानीय लोग लंबे समय से दुखी थे। आर्थिक कठिनाइयों के कारण कालीबाड़ी कमेटी रथ की मरम्मत नहीं करवा पा रही थी। अब 2025 में इस रथ का पुनर्निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। रथ के दिन भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की मूर्तियों को लेकर रथ यात्रा निकाली जाएगी। बताया गया है कि लगभग दो लाख रुपये की लागत से नीम और सागवान की लकड़ी से रथ का निर्माण किया गया है।

सूत्रों से पता चला है कि एक गुमनाम भक्त ने जब रथ की दुर्दशा की खबर सुनी तो उन्होंने इस वर्ष रथ का पुनर्निर्माण शुरू कराया। अब रथयात्रा में केवल दो दिन शेष हैं, इसलिए दिन-रात मेहनत से काम चल रहा है। यही भक्त पिछले वर्ष पुरी से नीम की लकड़ी से बनी मूर्तियां लेकर आए थे और वही मूर्तियां अब यहां स्थापित की गई हैं। इस वर्ष रथ भी उन्हीं के प्रयासों से पुनः निर्मित हो रहा है।

स्थानीय निवासी ने बताया कि पिछले लगभग 35 वर्षो से रथ खींचा नहीं गया। केवल पूजा होती थी लेकिन इस वर्ष रथ को बजबज की सड़कों पर निकाला जाएगा। यह बजबज के निवासियों के लिए बहुत बड़ी बात है। बजबज चित्तरगंज कालीबाड़ी के संयुक्त सचिव स्मृति रंजन घोष ने बताया कि इस बार की शोभायात्रा में ढाक, नृत्य मंडली, और प्रभु जगन्नाथ को शीतलता देने के लिए बड़े-बड़े पंखे भी शामिल रहेंगे। उल्टा रथ के दिन भगवान जगन्नाथ को सोने के आभूषणों की आकृति में बने वस्त्रों से सजाया जाएगा, जिसे आम लोग भी दर्शन कर सकेंगे। लगभग 35 वर्षो बाद इस रथ को खींचा जाएगा और पूरे दक्षिण 24 परगना जिले में इतनी कलात्मक रथयात्रा पहले नहीं देखी गई है, ऐसा दावा भी कालीबाड़ी कमेटी की ओर से किया गया है।

(Udaipur Kiran) / अनिता राय

Loving Newspoint? Download the app now