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मध्य प्रदेश के नए भाजपा अध्यक्ष होंगे हेमंत खंडेलवाल, दाखिल किया नामांकन

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भोपाल, 01 जुलाई (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तस्वीर साफ हो गई है। बैतूल विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनना लगभग तय हो गया है। दरअसल, मंगलवार को भाजपा कार्यालय में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए नामांकन की प्रक्रिया संपन्न हुई, जिसमें हेमंत खंडलवाल इकलौते उम्मीदवार हैं, जिन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया है। उनके अलावा किसी अन्य सदस्य ने दावेदारी पेश नहीं की है। संभावना है कि बुधवार को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में उनके नाम का औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा।

चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने मंच से साफ किया कि पार्टी में सभी वरिष्ठों की सहमति से खंडेलवाल को उम्मीदवार बनाया गया है और किसी अन्य नामांकन की संभावना नहीं है। वहीं, मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने कहा कि खंडेलवाल एक अनुभवी नेता हैं। संगठन में उनकी गहरी पकड़ है और वे सबको साथ लेकर चलने की क्षमता रखते हैं। केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी उनके नाम पर सहमति जताते हुए कहा कि यह चुनाव नहीं, संगठन की एकजुटता का उत्सव है। इधर, खंडेलवाल के समर्थकों में उत्साह का माहौल है और इसे नए युग की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।

भाजपा कार्यालय में चुनाव प्रभारी केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की उपस्थिति में नामांकन प्रक्रिया के दौरान प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद शर्मा ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को इशारा किया। इशारा मिलते ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव, खंडेलवाल को हाथ पकड़कर मंच पर ले गए और उनका नामांकन दाखिल कराया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन उनके प्रस्तावक बने। चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, निर्वाचन अधिकारी विवेक शेजवलकर और पर्यवेक्षक सरोज पांडे के सामने उन्होंने नामांकन दाखिल कराया। इस अवसर पर निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया व वीरेंद्र खटीक, मंत्री प्रह्लाद पटेल, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल व जगदीश देवड़ा और मंत्री राकेश सिंह समेत कई नेता प्रस्तावक के रूप में उनके साथ मौजूद रहे।

60 वर्षीय हेमंत खंडेलवाल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले हैं। उनका जन्म 3 सितंबर, 1964 को मथुरा में हुआ था। उनके सक्रिय राजनीतिक सफर की शुरुआत 2008 में हुई थी। उन्हें राजनीति और समाजसेवा के संस्कार अपने पिता स्वर्गीय विजय कुमार खंडेलवाल से विरासत में मिले हैं। हेमंत खंडेलवाल भाजपा की ओर से सांसद और विधायक रहने के साथ-साथ पार्टी में भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वे मप्र भाजपा के कोषाध्यक्ष रह चुके हैं। कुशाभाऊ ठाकरे विचार न्यास के अध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा भी उन्होंने पार्टी और संगठन में कई जिम्मेदारियां संभाली है।

दरअसल, विजय कुमार खंडेलवाल भाजपा से सांसद रह चुके हैं। पिता के निधन से 2008 में बैतूल लोकसभा सीट खाली हो गई। इस दौरान हुए उपचुनाव में भाजपा ने हेमंत खंडेलवाल को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा। हेमंत का सामना कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव पांस से था, जिन्हें हराकर वे लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद वे 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हेमंत वागद्रे को हराकर विधायक बने और 2018 तक बैतूल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें फिर से प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस बार वे कांग्रेस के निलय डागा से चुनाव हार गए। पांच साल बाद 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर खंडेलवाल पर भरोसा जताया। इस दौरान उन्होंने निलय डागा को हराकर अपनी पारिवारिक सीट पर फिर से कब्जा कर लिया।

खंडेलवाल नेता होने के साथ-साथ उद्योगपति और किसान भी हैं। उन्होंने बीकॉम और एलएलबी की डिग्री ले रखी है। 12 फरवरी, 1990 में रितु खंडेलवाल से विवाह किया था। दोनों से दो बच्चे हैं, जिनमें एक बेटा और एक बेटी है। पिता का निधन हो चुका है। मां कांति खंडेलवाल परिवार के साथ रहती हैं।————————

(Udaipur Kiran) तोमर

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