खुद का नियंत्रण कक्ष, नाथद्वारा सांवरिया सेठ के दर्शन कर जाता धंधे पर
जोधपुर, 12 अपै्रल . जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने रेड प्रेयरी ऑपरेशन चलाकर मादक पदार्थ तस्करी के एक बड़े सौदागर 50 हजार की इनामी को गिरफ्तार किया है. आरोपित के साथ उसका एक अन्य साथी भी गिरफ्तार किया गया है.
रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि बाड़मेर के धोरीमन्ना स्थित बाछला निवासी भजनलाल पुत्र नारायण राम विश्नोई पिछले डेढ़ साल से फरार चल रहा था. उस पर 50 हजार का इनाम घोषित था. वह नशे की दुनिया का बेताज बादशाह बनाना चाहता था और पिछले 11 साल से इस धंधे में लिप्त रहा है. उसके खिलाफ राज्य के विभिन्न चार जिलों में अब तक 8 प्रकरण दर्ज है. उसके साथ में एक सहयोगी बाड़मेर के सेड़वा भवानीपुरा निवासी रूपाराम पुत्र किशनाराम विश्नोई को भी पकड़ा गया है. इसके खिलाफ भी आधा दर्जन प्रकरण दर्ज है. रूपाराम तीन राज्यों का अपराधी है तथा उस पर मध्यप्रदेश गुजरात व राजस्थान में प्रकरण दर्ज है. रूपाराम मध्यप्रदेश से पैरोल से फरार चल रहा है तथा गुजरात के दो प्रकरणों में 4 साल से वांछित भी है. दोनों आरोपितों के विरूद्ध मादक द्रव्यों की तस्करी, वाहन चोरी, आर्म्स एक्ट, फर्जी नम्बर प्लटे , छीना झपटी के क ई प्रकरण दर्ज है.
इस तरह करता कारोबार :
आईजी रेंज विकास कुमार ने बताया कि इनामी भजनलाल हर सप्ताह एक बार नशा यात्रा कर मध्यप्रदेश, चित्तोड़ से राजस्थान तक छोटे वाहन में 3 से 4 क्विंटल डोडा चूरा लाया करता था. इस प्रकार पिछले एक साल में करीब 150-170 क्विंटल (15 से 17 टन) डोडा चोरा राजस्थान के मारवाड़ इलाके में आपूर्ति कर खपा चुका था. वह पिछले दस साल से यह धंधा कर रहा है. एक नशा यात्रा में करीब 2 से 2.5 लाख का मुनाफा कमा कर सालाना आमदनी से 1 से 1.5 करोड़ करता था. साल में सौ दिन काम ढाई सौ दिन आराम में बिताता था.
वाहन को बार बार काम नहीं लेता :
आईजी विकास कुमार ने बताया कि शातिर भजनलाल एक ही वाहन को दुबारा काम में नहीं लेता था. पहले तो गुजरात, राजस्थान व मध्यप्रदेश में वाहन चुराने का काम किया पर सीसीटीवी का नेटवर्क लगने लगे व परेशानी होने लगी तो दिमाग लगाया. अब वह गुजरात व मध्यप्रदेश के काले बाजार से सैकण्ड हैण्ड वाहन खरीदता, उसके इंजिन नम्बर व चेसिस नम्बर घिस देता और एक बार प्रयोग में लेकर उसी कीमत पर नशे के छोटे सौदागरों को बेच देता. इंजन नम्बर व चेसिस नम्बर घिसने से पुलिस गाड़ी पकड़ भी लेती तो उसे चोरी का वाहन मानती और गाड़ी के मालिक तक पहुंच कर खरीदने वाले का नाम पता नहीं जान पाती.
नाथद्वारा सांवरिया सेठ को लगाता धोक :
हर नशा यात्रा में भजनलाल जाते समय सांवरिया सेठ का तो वापसी पर नाथद्वारा में धोक लगाना नहीं भूलता था.
उसका मानना था कि सांवरिया सेठ व नाथद्वारा महाराज की कृपा उसे नशे की दुनिया का बेताज बादशाह बनाएगी.
/ सतीश
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