कठुआ 13 अप्रैल . कठुआ जिले में बैसाखी पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया गया. वैसाखी पर्व नव वर्ष की शुरुआत और फसल के मौसम का प्रतीक है. इस अवसर पर विभिन्न उत्सव आयोजित किए गए और सभी समुदायों के लोगों ने उत्साह के साथ भाग लिया.
मुख्य उत्सव नगरी के पास प्रसिद्ध ऐरवां मंदिर और बुआ बाईं में इस विशेष दिन को चिह्नित करने के लिए पूरे दिन बड़ी संख्या में लोग विशेष पूजा के लिए उमड़े. इसी प्रकार कठुआ के रामलीला मैदान में बैसाखी मेला भी आयोजित किया गया था जहाँ स्थानीय कारीगरों और अन्य विक्रेताओं ने रबी फसलों की सफल फसल को चिह्नित करने के लिए स्थानीय भोजन और शिल्प सहित अपने स्टॉल लगाए. इस अवसर पर जिले भर में धार्मिक सभाओं के अलावा, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाले जिले के विभिन्न हिस्सों में पारंपरिक लोक नृत्य, संगीत प्रदर्शन और नुक्कड़ नाटक आयोजित किए गए. वहीं कठुआ के गुरुद्वारों में संगत प्रार्थना करने और आशीर्वाद लेने के लिए एकत्रित हुए. गुरुद्वारों को रोशनी और फूलों से सजाया गया था और भक्ति भजनों की ध्वनि से वातावरण गुंजायमान हो गया था. यह त्योहार विभिन्न समुदायों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देने का एक अवसर भी है. सभी धर्मों के लोगों ने समारोह में भाग लिया, एकता और विविधता की भावना को उजागर किया जो इस क्षेत्र की पहचान है. इस अवसर पर बोलते हुए डीसी कठुआ राकेश मिन्हास ने जिला वासियों को बैसाखी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बैसाखी हमारे क्षेत्र के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह एक ऐसा समय है जब हम अपनी सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आते हैं. त्योहार नवीकरण का समय है, और समुदाय को हमारी परंपराओं और संस्कृति का जश्न मनाने के लिए एक साथ आना खुशी की बात है.
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/ सचिन खजूरिया
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