नागपुर, 02 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . पूर्व President रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि संघ में किसी तरह की अस्पृश्यता या जातिगत छुआछूत नहीं है. संघ में किसी प्रकार का जातिगत भेदभाव नहीं होता है.
पूर्व President कोविंद आज यहां रेशिमबाग मैदान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ पर आयोजित विजयादशमी उत्सव को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे. मंच पर संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और नागपुर महानगर के संघचालक राजेश लोया भी मौजूद थे.
पूर्व President कोविंद ने कहा, ‘संघ की विचारधारा और स्वंयसेवकों से मिलने का अवसर 1991 के आम चुनाव के दौरान हुआ. उस चुनाव अभियान के दौरान समाज के विभिन्न वर्गों से मिलने का अवसर मिला. अब भी समाज के कई लोगों को यह जानकारी नहीं है कि संघ में किसी भी तरह की अस्पृश्यता या जातिगत छुआछूत नहीं है. संघ में किसी प्रकार का जातिगत भेदभाव नहीं होता है. इस संदर्भ में 2001 में लाल किले के परिसर में आयोजित दलित संगम रैली का मैं जिक्र करना चाहूंगा. कुछ लोग अटलजी को दलित विरोधी होने का दुष्प्रचार करते थे. अटलजी ने कहा था कि हम अंबेडकरवादी हैं. भीम स्मृति अर्थात भारत का संविधान. मनु स्मृति के आधार पर हमारी सरकार काम नहीं करेगी. हमारी सरकार भीम स्मृति अर्थात भारत के संविधान पर काम करेगी. यह अटलजी ने कहा था. President पद का निर्वहन करते हुए मैंने संवैधानिक मूल्यों को बाबा साहब के मूल्यों को प्राथमिकता दी.‘
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘सभी को विजयदशमी की हार्दिक बधाई. सुखद संयोग है कि आज महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्रीजी की जयंती है. मैं इस अवसर पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. सबसे बड़ी स्वंयसेवी संस्था का शताब्दी समारोह संपन्न हो रहा है. बाबा साहब की दीक्षा भूमि का दर्शन करने का सौभाग्य मिला. हेडगेवार, श्रीगुरुजी, रज्जू भैया के प्रति हार्दिक श्रद्धाजंलि अर्पित करता हूं. डॉ. हेडगेवार ने संगठन का जो पौधा लगाया, गुरुजी ने उसकी जड़ें मजबूत कीं और रज्जू भैया ने आर्थिक बदलाव के बीच संघ को मार्गदर्शन दिया.
इस अवसर पर संघ प्रमुख डॉ. भागवत ने कहा, यह साल श्रीगुरुतेग बहादुकर के बलिदान का 350वां वर्ष है. हिंद की चादर बनकर जिन्होंने अन्याय से समाज की मुक्ति के लिए अपना बलिदान दिया, ऐसी विभूति का स्मरण इस साल होगा. आज गांधी जी की भी जयंती है. उनका योगदान अविस्मरणीय है. आजादी के बाद भारत का तंत्र कैसा चले उसके बारे में विचार देने वालों में उनका नाम था. संघ प्रमुख ने जयंती पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का भी स्मरण किया.
कार्यक्रम से पहले, पूर्व President कोविंद ने रेशिमबाग परिसर स्थित स्मृति मंदिर में संघ संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को नमन किया. इसके बाद पूर्व President कोविंद और डॉ. भागवत ने शस्त्र पूजन में हिस्सा लिया.
कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, Maharashtra के Chief Minister देवेंद्र फडणवीस समेत कई गण्यमान्य मौजूद रहे. इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलित, दक्षिण भारत की कंपनी डेक्कन समूह से केवी कार्तिक और बजाज समूह से संजीव बजाज भी मौजूद रहे. संघ ने अपने इस उत्सव में विदेशी मेहमानों को भी आमंत्रित किया. इसमें घाना, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका के गण्यमान्य शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि संघ अपनी स्थापना की 100वीं वर्षगांठ मना रहा है. इस कारण संघ के स्वयंसेवकों के लिए यह विजयादशमी उत्सव विशेष महत्व रखता है. डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने विजयादशमी के ही दिन 27 सिंतबर 1925 को नागपुर में संघ की स्थापना की थी.
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(Udaipur Kiran) / पवन कुमार
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