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क्या फिर लौट रहा है कोरोना? एक्टिव केस 3700 पार, जानिए किन राज्यों में सबसे ज्यादा खतरा!

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भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस ने रफ्तार पकड़ ली है। देशभर में एक्टिव केसों की संख्या तेजी से बढ़कर 3700 के पार पहुंच चुकी है, और कुल मामले 3758 तक जा पहुंचे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों के मौसम और कम सतर्कता के कारण यह उछाल देखने को मिल रहा है। ऐसे में सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। 

केरल बना कोरोना का गढ़

केरल इस समय कोरोना केसों के मामले में सबसे आगे है, जहां 1400 से अधिक एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि घनी आबादी और पर्यटन सीजन के कारण यहां मामले बढ़ रहे हैं। केरल के बाद महाराष्ट्र में 485 और दिल्ली में 436 एक्टिव केस हैं। बीते 48 घंटों में देशभर में 1000 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं, जो चिंता का विषय है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 से अब तक कोरोना के कारण 28 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से केरल और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 7-7 मौतें दर्ज की गई हैं।

बेंगलुरु और दिल्ली में दुखद घटनाएं

शनिवार को बेंगलुरु में एक 63 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना से मृत्यु हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि इस मरीज को दोनों वैक्सीन डोज और बूस्टर डोज भी लग चुका था। इसी तरह, दिल्ली में एक 60 वर्षीय बुजुर्ग ने भी इस वायरस के कारण दम तोड़ दिया। इन घटनाओं ने एक बार फिर वैक्सीन की प्रभावशीलता और नए वेरिएंट्स पर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि उम्रदराज लोग और पहले से बीमारियां झेल रहे मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।

कर्नाटक सरकार की सख्ती

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने एक नई एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने और मास्क पहनने की सलाह दी गई है। साथ ही, बुखार, खांसी, सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत जांच कराने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने यह भी कहा है कि स्कूलों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को फिर से अनिवार्य किया जा सकता है।

मिजोरम में सात महीने बाद कोविड की वापसी

मिजोरम में सात महीने के लंबे अंतराल के बाद कोरोना ने फिर दस्तक दी है। शुक्रवार को दो लोगों में कोविड की पुष्टि हुई, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। इन मरीजों का इलाज आइजोल के पास फल्कोन में जोरम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (ZMCH) में चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के इंटीग्रेटेड रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) ने लोगों से घबराने के बजाय सावधानी बरतने की अपील की है। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सतर्कता जरूरी है।

सावधानी ही बचाव

कोरोना के इस नए उछाल ने एक बार फिर हमें सावधान रहने की याद दिलाई है। विशेषज्ञों का कहना है कि मास्क पहनना, नियमित रूप से हाथ धोना और भीड़ से दूरी बनाए रखना अभी भी सबसे प्रभावी उपाय हैं। साथ ही, जिन लोगों ने बूस्टर डोज नहीं लिया है, उन्हें तुरंत इसे लेने की सलाह दी जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी लोगों से लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट कराने और आइसोलेशन में रहने की अपील की है।

भविष्य की तैयारी

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। कई राज्यों में टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जा रही है ताकि नए मामलों को जल्दी पकड़ा जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हम समय रहते सतर्क हो जाएं, तो स्थिति को नियंत्रित करना मुश्किल नहीं होगा।

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