सीपी राधाकृष्णन भारत के अगले उपराष्ट्रपति बनने जा रहे हैं! मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार राधाकृष्णन ने विपक्ष के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी को धूल चटा दी। इस एकतरफा मुकाबले में राधाकृष्णन ने 452 प्रथम वरीयता के वोट हासिल किए, जबकि सुदर्शन रेड्डी को सिर्फ 300 वोट मिले। इस जीत ने एनडीए की ताकत को एक बार फिर साबित कर दिया।
निर्वाचन अधिकारी ने किया नतीजों का ऐलाननिर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने नतीजों की घोषणा करते हुए बताया कि सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि सुदर्शन रेड्डी को 300 प्रथम वरीयता के वोट प्राप्त हुए। इस भारी अंतर ने विपक्ष को सकते में डाल दिया। राधाकृष्णन की जीत ने साफ कर दिया कि संसद में एनडीए का दबदबा अब भी कायम है।
विपक्ष के वोट कहां गए?वोटिंग खत्म होने के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि विपक्ष पूरी तरह एकजुट था और उनके सभी 315 सांसदों ने मतदान में हिस्सा लिया। लेकिन सवाल यह उठता है कि फिर विपक्ष के 15 वोट कहां गायब हो गए? हैरानी की बात यह है कि इस चुनाव में 15 वोट अमान्य पाए गए। निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक, ऐसा गलत पेन से वोट डालने की वजह से हुआ। गौरतलब है कि 2017 में 11 वोट और 2022 में 15 वोट अमान्य हो चुके हैं। इस बार भी यही गलती दोहराई गई, जिसने विपक्ष की हार को और पक्का कर दिया।
क्या है अमान्य वोटों का राज?चुनाव में अमान्य वोटों की कहानी हर बार चर्चा में रहती है। नियमों के मुताबिक, वोटिंग के लिए खास पेन का इस्तेमाल करना होता है, लेकिन कई सांसद दूसरा पेन इस्तेमाल कर लेते हैं, जिससे उनके वोट खारिज हो जाते हैं। इस बार के 15 अमान्य वोटों ने विपक्ष की रणनीति पर सवाल उठा दिए। क्या यह महज लापरवाही थी या कुछ और? यह सवाल राजनीतिक गलियारों में गूंज रहा है।
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