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मॉक ड्रिल के दिन स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे या खुले? जानें पूरी सच्चाई!

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भारत में आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए समय-समय पर अनुकरण अभ्यास (मॉक ड्रिल) आयोजित किए जाते हैं। ये अभ्यास भूकंप, बाढ़, आग या अन्य आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब मॉक ड्रिल हो रही हो, तब स्कूल, कॉलेज, बैंक और दफ्तर खुले रहेंगे या बंद? आइए, इस सवाल का जवाब विस्तार से समझते हैं।

मॉक ड्रिल क्या है और क्यों जरूरी है?

मॉक ड्रिल एक तरह का नकली अभ्यास है, जिसमें आपदा की स्थिति को अनुकरण किया जाता है। इसका मकसद लोगों को आपात स्थिति में सुरक्षित निकासी, प्राथमिक उपचार और समन्वय की प्रक्रिया सिखाना है। यह स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर आयोजित होता है ताकि लोग वास्तविक आपदा के समय घबराए नहीं और सही कदम उठा सकें। भारत जैसे देश में, जहां प्राकृतिक आपदाएं आम हैं, मॉक ड्रिल नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

स्कूल और कॉलेज: पढ़ाई या सुरक्षा पहले?

जब मॉक ड्रिल का आयोजन होता है, तो स्कूल और कॉलेज आमतौर पर अपनी गतिविधियां सीमित कर देते हैं। कई बार अभ्यास के दौरान कक्षाएं निलंबित कर दी जाती हैं, ताकि छात्र और शिक्षक पूरी तरह से ड्रिल में भाग ले सकें। हालांकि, यह पूरी तरह से स्थानीय प्रशासन और स्कूल प्रबंधन के निर्देशों पर निर्भर करता है। कुछ स्कूलों में ड्रिल के बाद सामान्य पढ़ाई शुरू हो सकती है, जबकि कुछ में आधे दिन की छुट्टी भी हो सकती है। अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे स्कूल प्रशासन से पहले ही जानकारी ले लें।

बैंक और दफ्तर: कामकाज पर क्या असर?

बैंकों और कार्यालयों में मॉक ड्रिल का प्रभाव अलग-अलग हो सकता है। सामान्य तौर पर, ड्रिल के दौरान कुछ घंटों के लिए सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं, लेकिन पूरी तरह बंद नहीं होतीं। उदाहरण के लिए, बैंकों में ग्राहक सेवाएं सीमित हो सकती हैं, और कर्मचारी ड्रिल में हिस्सा लेते हैं। निजी और सरकारी दफ्तरों में भी ऐसा ही होता है। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं, जैसे अस्पताल और पुलिस, ड्रिल के दौरान भी सक्रिय रहती हैं। अगर आप उस दिन बैंक या दफ्तर जाने की योजना बना रहे हैं, तो पहले से समय और स्थिति की पुष्टि कर लें।

आम जनता के लिए सलाह

मॉक ड्रिल के दौरान आम जनता को घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक नियोजित अभ्यास होता है, जिसका मकसद सुरक्षा बढ़ाना है। अगर आप किसी सार्वजनिक स्थान पर हैं, तो निर्देशों का पालन करें और निकासी मार्गों का ध्यान रखें। बच्चों को पहले से समझा दें कि यह एक अभ्यास है, ताकि वे डरें नहीं। साथ ही, अपने नजदीकी आपदा प्रबंधन केंद्र की जानकारी रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर संपर्क किया जा सके।

मॉक ड्रिल का दीर्घकालिक महत्व

मॉक ड्रिल केवल एक दिन का अभ्यास नहीं है, बल्कि यह हमारी सामूहिक सुरक्षा का हिस्सा है। यह हमें सिखाता है कि आपदा के समय कैसे एकजुट होकर काम करना है। भारत में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) इस तरह के अभ्यासों को बढ़ावा देता है। इन अभ्यासों से न केवल जागरूकता बढ़ती है, बल्कि जान-माल का नुकसान भी कम होता है।

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