भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता सैन्य तनाव दुनिया के लिए चिंता का सबब बन गया है। 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने दोनों देशों को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया। इस बीच, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की नेता और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 8 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक भावुक अपील की। उन्होंने कहा, “मोदी जी, फोन उठाएं और पाकिस्तान से बातचीत शुरू करें।” जहां एक तरफ पाकिस्तान जंग की धमकियां दे रहा है, वहीं महबूबा की शांति की पुकार ने नई बहस छेड़ दी है।
पहलगाम का बाइसारन, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है, 22 अप्रैल को आतंक की भेंट चढ़ गया। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली पर्यटक मारे गए। इस हमले ने भारत को आक्रोशित कर दिया। भारत ने जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 7 मई को पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हमले किए, जिसमें 80 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। पाकिस्तान ने इन हमलों को “नागरिकों पर हमला” करार देकर जवाबी गोलीबारी की, जिसमें जम्मू-कश्मीर में नौ लोग मारे गए। इस तनाव ने दोनों देशों को युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया है।
8 मई को श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महबूबा मुफ्ती ने दोनों देशों के नेताओं से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा, “मोदी जी को फोन उठाकर पाकिस्तान से बातचीत शुरू करनी चाहिए। युद्ध से कोई नहीं जीतता, लेकिन शांति से सबका भला होगा।” उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल बातचीत की वकालत की, ताकि तनाव कम हो और परमाणु युद्ध का खतरा टल सके। महबूबा ने यह भी चेतावनी दी कि अगर परमाणु युद्ध हुआ, तो “न तो भारत बचेगा, न ही पाकिस्तान।” उनकी यह अपील कश्मीर के लोगों के डर और अनिश्चितता को दर्शाती है, जो लंबे समय से हिंसा की मार झेल रहे हैं।
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