हरदोई के शाहाबाद में एक सामान्य रात ने उस समय सुर्खियां बटोर लीं, जब एक युवती ने अपने पिता की रक्षा के लिए लाइसेंसी रिवॉल्वर का सहारा लिया। यह कहानी है अरीबा खान की, जिसने पेट्रोल पंप पर हुए एक विवाद में अपने साहस का परिचय दिया। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि राजनीतिक संगठनों के समर्थन ने इसे और चर्चा में ला दिया। आइए, इस घटना को विस्तार से समझते हैं।
क्या हुआ था उस रात?15 तारीख की रात, शाहाबाद के मुहल्ला गिगियानी निवासी एहसान खान अपनी पत्नी और बेटी अरीबा के साथ बिलग्राम के पास पसनेर गांव में एक पेट्रोल पंप पर पहुंचे। वहां उनकी कार में सीएनजी भरवाने को लेकर सेल्समैन रजनीश के साथ बहस हो गई। एहसान खान का कहना है कि सेल्समैन ने उन्हें धक्का दे दिया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। गुस्से में आकर अरीबा ने अपने पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर निकाली और सेल्समैन पर तान दी। उनका कहना था कि वह केवल अपने पिता की रक्षा करना चाहती थीं।
वायरल वीडियो और पुलिस की कार्रवाईइस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें अरीबा को रिवॉल्वर ताने हुए देखा गया। सेल्समैन रजनीश ने आरोप लगाया कि अरीबा ने उनकी छाती पर रिवॉल्वर रखकर धमकी दी और कहा, "इतनी गोली मारूंगी कि घर में पहचान में नहीं आओगे।" इस वीडियो के आधार पर पुलिस ने अरीबा और उनके माता-पिता के खिलाफ लाइसेंसी हथियार के दुरुपयोग और धमकाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की। यह घटना जल्द ही चर्चा का विषय बन गई।
राजनीतिक समर्थन और सम्मानजहां एक ओर पुलिस ने कानूनी कार्रवाई शुरू की, वहीं दूसरी ओर अरीबा को राजनीतिक दलों का समर्थन मिलने लगा। बुधवार को कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विक्रम पांडेय ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ अरीबा के घर पहुंचकर उन्हें रानी लक्ष्मीबाई का चित्र भेंट किया और उनकी हिम्मत की सराहना की। इसके बाद रात में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सेंट्रल प्रदेश महासचिव कारी मलिक मोहसिन और जिलाध्यक्ष मो. शफी उस्मानी ने भी अरीबा के घर पहुंचकर उन्हें सम्मानित किया। दोनों दलों ने न केवल अरीबा की हिम्मत को सलाम किया, बल्कि उनके साथ पूरा समर्थन देने का वादा भी किया।
समाज में क्या है चर्चा?इस घटना ने समाज में कई सवाल खड़े किए हैं। कुछ लोग अरीबा के साहस की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ लाइसेंसी हथियार के इस्तेमाल पर सवाल उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी यह मामला गर्म है, जहां लोग अरीबा को एक साहसी बेटी के रूप में देख रहे हैं, वहीं कुछ इसे गैरकानूनी कदम बता रहे हैं। यह घटना न केवल कानूनी दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी विचारणीय है।
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