गुरुवार की दोपहर, सेक्टर 57 की एक शांत गली में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया। 25 वर्षीय पूर्व राष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की उनके ही पिता दीपक यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज में गहरे बैठे तनाव और मानसिक दबाव को भी उजागर करती है। राधिका, जिन्होंने अपने हुनर से टेनिस कोर्ट पर कई मेडल जीते थे, अपनी नई शुरुआत के साथ सपनों को साकार करने की राह पर थीं। लेकिन एक पारिवारिक विवाद ने उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए छीन लिया। आइए, इस दुखद घटना के पीछे की कहानी को समझते हैं।
टेनिस कोर्ट से अकेडमी तक: राधिका का सफरराधिका यादव एक ऐसी खिलाड़ी थीं, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर टेनिस में अपनी पहचान बनाई थी। कई मेडल और सम्मान उनके नाम थे, लेकिन डेढ़ साल पहले एक खेल चोट ने उनके करियर को रोक दिया। कंधे की चोट के कारण उन्हें टेनिस को अलविदा कहना पड़ा। लेकिन राधिका ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने जुनून को जीवित रखते हुए सेक्टर 57 में एक टेनिस अकेडमी शुरू की, जहां वे बच्चों को टेनिस की बारीकियां सिखाती थीं। यह अकेडमी उनके लिए न केवल एक नई शुरुआत थी, बल्कि उनके सपनों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का जरिया भी थी।
पारिवारिक तनाव और सामाजिक दबावराधिका की इस नई शुरुआत को उनके पिता दीपक यादव ने कभी स्वीकार नहीं किया। दीपक, जो बिल्डिंग बनाकर किराए पर देने का व्यवसाय करते थे, अपनी बेटी की अकेडमी के खिलाफ थे। उनके लिए यह केवल एक व्यवसाय नहीं था, बल्कि सामाजिक तानों का कारण बन गया था। पड़ोसी और रिश्तेदार अक्सर ताने मारते कि दीपक अपनी बेटी की कमाई पर निर्भर हैं। इन तानों ने उनके मन में गहरी नाराजगी और गुस्सा भर दिया। पिछले 15 दिनों से इस बात को लेकर राधिका और उनके पिता के बीच तीखी बहस होती थी। राधिका ने कई बार अपने पिता को समझाने की कोशिश की, लेकिन उनकी बातें दीपक के गुस्से को और भड़का देती थीं।
वह मनहूस दिन: हत्या की दर्दनाक कहानीगुरुवार की सुबह, घर में एक बार फिर तनाव का माहौल था। राधिका किचन में खाना बना रही थीं, जब उनके पिता ने गुस्से में आकर अपनी लाइसेंसी पिस्टल से उनकी पीठ पर तीन गोलियां दाग दीं। उस समय घर में राधिका की मां, भाई और चाचा का परिवार मौजूद था। गोलियों की आवाज ने पूरे घर को हिलाकर रख दिया। परिजन तुरंत राधिका को मेरिंगो एशिया अस्पताल ले गए, लेकिन गंभीर चोट जांच के दौरान, पुलिस ने पाया कि दीपक का गुस्सा अक्सर छोटी-छोटी बातों पर भड़क जाता था। इस घटना ने न केवल एक परिवार को तोड़ा, बल्कि सामाजिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर भी सवाल उठाए। राधिका की कहानी हमें याद दिलाती है कि सफलता और स्वतंत्रता की राह में कई बार सबसे करीबी लोग ही बाधा बन जाते हैं।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांचघटना की सूचना मिलते ही सेक्टर 56 थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। राधिका के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और दीपक यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उनके पास से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल भी बरामद की। शुक्रवार को दीपक को कोर्ट में पेश किया जाएगा, और उनसे पूछताछ जारी है। इस मामले ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया है, बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि क्या सामाजिक दबाव और व्यक्तिगत गुस्से को नियंत्रित करने की जरूरत पर ध्यान देना चाहिए।
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