क्या आपने कभी सोचा है कि एक अच्छी-खासी कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर कोई खेती में उतर सकता है और करोड़ों की कमाई कर सकता है? छत्तीसगढ़ की स्मृति चंद्राकर ने ऐसा ही किया। रायपुर में इंजीनियरिंग और पुणे से एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद, स्मृति ने पांच साल तक पुणे में नौकरी की। लेकिन उनके दिल में कुछ और ही था। शहर की चकाचौंध और ऑफिस की रूटीन से हटकर, उन्होंने अपने गांव की मिट्टी को चुना और खेती को एक सफल बिजनेस में बदल दिया। उनकी यह कहानी न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि मेहनत, योजना और जुनून से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
इंजीनियरिंग से खेती तक का सफरस्मृति चंद्राकर की जिंदगी उस समय एक आम कॉर्पोरेट कर्मचारी की तरह थी। रायपुर में इंजीनियरिंग की डिग्री और पुणे से एमबीए पूरा करने के बाद, उन्होंने पुणे में एक अच्छी नौकरी हासिल की। लेकिन हर हफ्ते छत्तीसगढ़ के अपने गांव लौटने की उनकी आदत ने उन्हें कुछ नया सोचने पर मजबूर किया। गांव में अपने परिवार के साथ खेती में समय बिताते हुए, स्मृति को एहसास हुआ कि खेती को आधुनिक तरीकों से और अधिक लाभकारी बनाया जा सकता है। यह विचार उनके मन में घर कर गया, और धीरे-धीरे उन्होंने अपने सपनों को हकीकत में बदलने का फैसला किया।
नौकरी छोड़कर बनीं किसानस्मृति ने 2021 में एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने अपनी कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ दी और अपने 20 एकड़ के खेत में सब्जियों की खेती शुरू की। यह कोई आसान निर्णय नहीं था, लेकिन स्मृति ने हार नहीं मानी। उन्होंने सबसे पहले अपनी जमीन को तैयार किया। एक कृषि सलाहकार की मदद से उन्होंने मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने के लिए गाय के गोबर और वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग किया। स्मृति ने हर कदम पर सावधानी बरती और पूरी योजना बनाकर खेती शुरू की। उनकी मेहनत रंग लाई, और जल्द ही उनकी खेती ने उन्हें जबरदस्त मुनाफा देना शुरू कर दिया।
1.5 करोड़ का टर्नओवर: एक सक्सेस स्टोरीस्मृति की मेहनत और लगन का नतीजा यह हुआ कि 2024 में उनकी खेती ने 1.5 करोड़ रुपये का सालाना टर्नओवर हासिल किया। उनके खेतों में प्रति एकड़ करीब 50 टन टमाटर का उत्पादन हुआ, जो उनकी सफलता का सबसे बड़ा सबूत है। टमाटर के अलावा, स्मृति अब लौकी, खीरा, बैंगन जैसी कई अन्य फसलों की खेती भी करती हैं। उनकी खेती का मॉडल इतना प्रभावी है कि यह न सिर्फ मुनाफा दे रहा है, बल्कि स्थानीय किसानों के लिए भी एक मिसाल बन गया है। स्मृति ने साबित कर दिया कि खेती को अगर सही दिशा और तकनीक के साथ किया जाए, तो यह किसी बड़े बिजनेस से कम नहीं है।
स्मृति की सफलता का राजस्मृति की सफलता का आधार उनकी मेहनत, योजना और आधुनिक तकनीकों का उपयोग है। उन्होंने खेती शुरू करने से पहले मिट्टी की जांच की, उचित खाद का इस्तेमाल किया और बाजार की मांग को समझा। इसके साथ ही, उन्होंने स्थानीय किसानों और कृषि विशेषज्ञों से सलाह ली, जिससे उनकी खेती की उत्पादकता बढ़ी। स्मृति ने जैविक खेती पर जोर दिया, जिससे न सिर्फ उनकी फसलों की गुणवत्ता बढ़ी, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा हुआ। उनकी यह रणनीति आज उन्हें एक सफल बिजनेसवुमेन बनाती है।
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