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गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि अस्पताल में की गई सर्जरी लगभग 60 मिनट तक चली, जबकि पथरी की गिनती में टीम को लगभग 6 घंटे लगे। बयान के मुताबिक मरीज कई वर्षों से पेट में दर्द, बीच-बीच में बुखार, भूख न लगना तथा छाती और पीठ में भारीपन की समस्या से पीड़ित था। पित्ताशय की पथरी अक्सर कोलेस्ट्रॉल असंतुलन के कारण बनती है और समय के साथ बढ़ सकती है।
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बयान के मुताबिक मरीज की 12 मई को लेप्रोस्कोपिक पित्ताशय की थैली हटाने की सर्जरी की गई थी। अस्पताल के अनुसार, यह संभवतः दिल्ली-एनसीआर में पित्ताशय से निकाली गई पथरी की सबसे बड़ी संख्या है। अस्पताल के मुताबिक दो दिन बाद मरीज की हालत में सुधार होने के बाद छुट्टी दे दी गई। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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